18.4 करोड़ पासवर्ड लीक: क्या आपका अकाउंट भी खतरे में है?
आज के डिजिटल युग में डेटा ही सबसे मूल्यवान संपत्ति है — और जब वही डेटा असुरक्षित हो जाए, तो यह न केवल व्यक्ति विशेष के लिए, बल्कि पूरे सिस्टम के लिए खतरे की घंटी बन जाता है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि एक असुरक्षित ऑनलाइन डेटाबेस में 18.4 करोड़ से अधिक यूज़र्स के पासवर्ड और ईमेल खुलेआम उपलब्ध थे — वो भी बिना किसी एन्क्रिप्शन के।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे:
- ये डेटा कहां से आया?
- इसमें क्या-क्या जानकारी लीक हुई?
- इससे आपकी सुरक्षा पर क्या असर पड़ सकता है?
- और सबसे ज़रूरी — इससे बचने के लिए आप क्या कर सकते हैं?

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कहां से लीक हुआ ये डेटा?
इस लीक का खुलासा प्रसिद्ध साइबर सुरक्षा शोधकर्ता जेरेमिया फाउलर ने किया। उन्होंने एक ऐसा डेटाबेस खोजा जिसमें ईमेल आईडी, पासवर्ड और लॉगिन पेज जैसे संवेदनशील विवरण plaintext (साफ-साफ, बिना किसी सुरक्षा के) में सेव थे।
सबसे हैरानी की बात यह है कि यह डेटाबेस किसी पासवर्ड से सुरक्षित नहीं था और न ही इसमें किसी तरह की एन्क्रिप्शन तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। यह डेटा किसी वेबसाइट की गलती नहीं थी, बल्कि यह "इंफोस्टीलर मैलवेयर" के ज़रिए एकत्र किया गया प्रतीत होता है।
इंफोस्टीलर एक ऐसा खतरनाक सॉफ़्टवेयर होता है जो चुपचाप आपके कंप्यूटर या ब्राउज़र से लॉगिन डिटेल्स, कुकीज़, ब्राउज़िंग हिस्ट्री, क्रेडेंशियल्स आदि चुरा लेता है।
किन सेवाओं का डेटा लीक हुआ?
फाउलर के मुताबिक, इस डेटाबेस में दुनिया की सबसे लोकप्रिय सेवाओं के यूज़र्स के क्रेडेंशियल्स शामिल थे, जैसे:
- Apple
- Microsoft
- Snapchat
- TikTok
- X (Twitter)
- साथ ही कई सरकारी और बैंकिंग वेबसाइटों के लॉगिन
कई अकाउंट्स तो दोबारा उपयोग किए गए पासवर्ड के साथ पाए गए, जिससे क्रैकिंग और अकाउंट टेकओवर का खतरा और बढ़ गया है।

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क्यों है ये लीक इतना खतरनाक?
इस लीक की गंभीरता को समझना बहुत ज़रूरी है। जब इतने बड़े पैमाने पर पासवर्ड लीक होते हैं — और वो भी plaintext में — तो ये कई प्रकार की साइबर धोखाधड़ी को जन्म दे सकते हैं:
- पहचान की चोरी (Identity Theft)
हैकर आपके ईमेल और पासवर्ड का उपयोग कर आपके नाम से फर्जी अकाउंट बना सकते हैं या बैंक से लोन तक ले सकते हैं। - फिशिंग और स्पैम
लीक हुए ईमेल का उपयोग कर फिशिंग मेल भेजे जाते हैं, जो यूज़र्स को झांसे में लेकर और ज़्यादा डेटा चुराते हैं। - सोशल मीडिया टेकओवर
आपके इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर अकाउंट हैक हो सकते हैं और उन पर गलत कंटेंट पोस्ट करके आपकी छवि को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। - बैंकिंग धोखाधड़ी
अगर आपने बैंकिंग साइट पर वही पासवर्ड इस्तेमाल किया है, तो आपके पैसे खतरे में पड़ सकते हैं।

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क्या आपका डेटा भी लीक हुआ है?
ये पता लगाने के लिए आप https://haveibeenpwned.com/ जैसी विश्वसनीय वेबसाइट्स पर जाकर अपना ईमेल आईडी डाल सकते हैं। यदि आपका डेटा लीक हुआ होगा, तो वहाँ जानकारी मिल जाएगी।
इससे बचने के लिए क्या करें?
यह घटना केवल एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक अलार्म है कि हमें अपनी डिजिटल आदतों को तुरंत सुधारने की आवश्यकता है।
- तुरंत पासवर्ड बदलें
सभी प्रमुख अकाउंट्स (जैसे Gmail, Facebook, Banking, Amazon) के पासवर्ड तुरंत बदलें। - हर अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड बनाएं
कभी भी एक ही पासवर्ड को दो से अधिक जगहों पर न दोहराएं। पासवर्ड मैनेजर ऐप्स का उपयोग करें। - टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू करें
जहाँ भी संभव हो, 2FA ऑन करें — जिससे पासवर्ड लीक होने के बावजूद कोई अकाउंट एक्सेस न कर सके। - फिशिंग लिंक से बचें
अंजान ईमेल या मैसेज में दिए गए लिंक पर कभी न क्लिक करें। - एंटीवायरस और एंटी-मैलवेयर टूल्स रखें
अपने डिवाइस को नियमित रूप से स्कैन करें और अपडेटेड सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें।
निष्कर्ष
यह लीक बताता है कि हम चाहे कितने भी सावधान क्यों न हों, अगर हम डिजिटल दुनिया में बिना सुरक्षा के चल रहे हैं तो कभी भी हमारा डेटा खतरे में पड़ सकता है। हमें अब "मजबूत पासवर्ड" से आगे बढ़कर एक पूरी सुरक्षा रणनीति की ज़रूरत है।
अपनी ऑनलाइन उपस्थिति को सुरक्षित रखना अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक ज़रूरी जिम्मेदारी है।